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होलेरिथ सेंसस टेबुलेटर

होलेरिथ सेंसस टेबुलेटर (Hollerith Census Tabulator) एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल डेटा प्रोसेसिंग मशीन थी, जिसे हरमन होलेरिथ (Herman Hollerith) ने 1880 के दशक में विकसित किया। यह मशीन विशेष रूप से 1890 की अमेरिकी जनगणना (U.S. Census) को तेज़ी से संसाधित करने के लिए बनाई गई थी। यह जनगणना डेटा प्रोसेसिंग की पहली स्वचालित प्रणाली थी, जिसने पंच कार्ड (Punch Cards) और इलेक्ट्रोमैकेनिकल गणना तकनीक का उपयोग करके डेटा प्रोसेसिंग को क्रांतिकारी रूप से बदल दिया। इसकी सफलता ने आधुनिक कंप्यूटरों और डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम के विकास का मार्ग प्रशस्त किया।

 

सन् 1890 में कम्प्यूटर के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण घटना हुई, वह थी अमेरिका की जनगणना का कार्य। वर्ष 1890 से पूर्व जनगणना का कार्य पारम्परिक तरीकों से किया जाता था।वर्ष 1880 में शुरू की गई जनगणना में 07 वर्ष लगे थे। कम समय में जनगणना के कार्य को सम्पन्न करने के लिए हर्मन होलेरिथ (Herman Hollerith) (1869-1926) ने एक मशीन बनाई जिसमें पंचकाडों (Punch Cards) को विद्युत द्वारा संचालित किया गया। उस मशीन की सहायता से जनगणना (Census) का कार्य केवल तीन वर्ष में सम्पन्न हो गया। वर्ष 1896 में होलेरिथ ने पंचकार्ड (Punch Card) यंत्र बनाने की एक कम्पनी टेबुलेटिंग मशीन कम्प्नी (Tabulating Machine Company) स्थापित की। वर्ष 1911 में यह कम्पनी का अन्य कम्पनी के साथ विलय हुआ जिसका परिवर्तित नाम कम्प्यूटर टेबुलेटिंग रिकॉर्डीग कम्पनी (Computer Tabulating Recording Companyहो गया। वर्ष  1924 में उस कम्पनी का नाम पुन: परिवर्तित होकर, इंटरनेशलन बिजनेस मशीन (International Business Machine) IBM हो गया, जो आज कम्प्यूटर – निर्माण में विश्व की अग्रणी कम्पनियों में एक है। अब कम्प्यूटर विद्युत- यांत्रिकी के युग में आ गये, क्योकिं होलेरिथ की मशीन यांत्रिक थी और विद्युत से संचालित थी।

  1. होलेरिथ सेंसस टेबुलेटर का परिचय

1.1 यह मशीन क्यों बनाई गई?

19वीं शताब्दी के अंत तक, अमेरिका की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही थी। 1880 की जनगणना को मैन्युअल रूप से संसाधित करने में 8 वर्ष लग गए थे, जिससे अगली जनगणना के लिए समय पर डेटा तैयार करना कठिन हो गया था। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो को एक ऐसी प्रणाली की आवश्यकता थी, जो डेटा संग्रह, गणना और विश्लेषण को तेज़ बना सके।

हरमन होलेरिथ ने इलेक्ट्रोमैकेनिकल पंच कार्ड प्रणाली विकसित की, जिससे 1890 की जनगणना मात्र 2 वर्षों में पूरी हो गई। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, जिसने प्रशासनिक कार्यों में स्वचालन (Automation) की शुरुआत की।

  1. मशीन की संरचना और कार्यप्रणाली

होलेरिथ सेंसस टेबुलेटर मुख्यतः तीन भागों से मिलकर बनी थी:

2.1 पंच कार्ड (Punch Cards)

  • ये कागज़ के कार्ड थे, जिनमें छेद करके डेटा संग्रहीत किया जाता था।
  • प्रत्येक छेद किसी विशेष जानकारी (जैसे उम्र, लिंग, जातीयता) का प्रतिनिधित्व करता था।
  • छेदों को मशीन पढ़कर डेटा प्रोसेस कर सकती थी।
  • ये कार्ड बाद में IBM द्वारा विकसित आधुनिक कंप्यूटरों में भी उपयोग किए गए।

2.2 कार्ड रीडर और सेंसिंग पिन (Card Reader & Sensing Pins)

  • मशीन में धातु के पिन (Pins) लगे होते थे, जो कार्ड के छिद्रों को महसूस कर सकते थे।
  • जब कोई पिन कार्ड के छिद्र से गुजरता, तो यह एक विद्युत सर्किट को पूरा करता और डेटा मशीन में दर्ज हो जाता।
  • इस प्रणाली ने मानव त्रुटियों (Human Errors) को कम किया और डेटा प्रोसेसिंग को तेज़ बनाया।

2.3 गणना और टेबुलेशन (Counting & Tabulation)

  • मशीन विभिन्न श्रेणियों में डेटा को गिनती और रिकॉर्ड करती थी।
  • अलग-अलग आंकड़ों की गणना करने के लिए इसमें डायल और काउंटर लगे होते थे।
  • डेटा को वर्गीकृत (Sort) और टेबुलेट (Tabulate) करके रिपोर्ट तैयार की जाती थी।

इस प्रणाली ने 1890 की जनगणना को तेजी से पूरा करने में मदद की, जिससे सरकारी प्रशासन अधिक प्रभावी हो गया।

  1. मशीन के लाभ और प्रभाव

3.1 जनगणना प्रक्रिया में क्रांति

  • 1880 की जनगणना को मैन्युअल रूप से संसाधित करने में 8 वर्ष लगे थे, लेकिन 1890 की जनगणना मात्र 2 वर्षों में पूरी हो गई।
  • इससे समय और लागत दोनों की बचत हुई।
  • यह पहली बार था जब बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग को स्वचालित किया गया।

3.2 पंच कार्ड सिस्टम की लोकप्रियता

  • पंच कार्ड सिस्टम ने आधुनिक कंप्यूटरों में डेटा भंडारण और प्रोसेसिंग का आधार रखा।
  • यह प्रणाली 20वीं शताब्दी के मध्य तक डेटा प्रोसेसिंग के लिए मानक बनी रही।

3.3 व्यावसायिक और सरकारी उपयोग

  • होलेरिथ की मशीनें सरकारी संगठनों के अलावा बीमा कंपनियों, रेलवे और बैंकों द्वारा भी अपनाई गईं।
  • इससे डेटा प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों में प्रभावशीलता (Efficiency) बढ़ी

3.4 IBM की स्थापना और कंप्यूटर उद्योग की नींव

  • हरमन होलेरिथ ने अपनी मशीनों का व्यावसायिक उपयोग करने के लिए 1896 में "Tabulating Machine Company" की स्थापना की।
  • यह कंपनी बाद में IBM (International Business Machines) का हिस्सा बनी।
  • IBM ने होलेरिथ की पंच कार्ड प्रणाली को उन्नत किया, जिससे आधुनिक कंप्यूटरों का विकास संभव हुआ।
  1. मशीन की सीमाएँ और अंत

4.1 सीमित कार्यक्षमता

  • मशीन केवल संख्यात्मक गणनाएँ कर सकती थी और जटिल डेटा प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त नहीं थी।
  • इसमें कोई स्टोरेज मेमोरी नहीं थी, जिससे डेटा पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता था।

4.2 पंच कार्ड प्रणाली का पतन

  • 20वीं शताब्दी के मध्य में इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों के आने के बाद पंच कार्ड प्रणाली पुरानी पड़ गई।
  • 1960 के दशक में माइक्रोप्रोसेसर और डिजिटल कंप्यूटिंग के आगमन से होलेरिथ की तकनीक अप्रचलित हो गई।
  1. निष्कर्ष: डेटा प्रोसेसिंग के इतिहास में मील का पत्थर

होलेरिथ सेंसस टेबुलेटर ने जनगणना डेटा प्रोसेसिंग को यंत्रीकृत किया, जिससे डेटा विश्लेषण में एक क्रांति आई।

🔹 इस मशीन के प्रमुख योगदान:
✅ डेटा प्रोसेसिंग को स्वचालित किया
✅ पंच कार्ड तकनीक को लोकप्रिय बनाया
✅ आधुनिक कंप्यूटरों की नींव रखी
✅ आईबीएम (IBM) जैसी कंपनियों के विकास में योगदान दिया

यह मशीन प्रारंभिक कंप्यूटरों का अग्रदूत थी, जिसने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और डेटा साइंस के क्षेत्र में नए द्वार खोले। होलेरिथ की यह तकनीक आज भी डेटा प्रोसेसिंग और स्वचालन (Automation) के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जाती है।

 

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